हेल्लो पाठकों !
क्या आप जानते चाहते है, कंप्यूटर नेटवर्क में एडेसिंग क्या है (What is Addressing in Computer), इसके कितने प्रकार है और कंप्यूटर नेटवर्क में एडेसिंग की आवश्यकता क्यों पड़ती है ।
आज के इस लेख के जरिये में आपको एडेसिंग के बारे में हिन्दी में बिस्तार से समजायूॅगा ।
तो चलिए शुरू करते है ।
कंप्पूटर में एडेसिंग क्या है – What is Addressing in Computer in Hindi ?
यह तो आप जानते ही होंगे Address को हिन्दी में पता कहा जाता है ।
कंप्यूटर कि दूनीया में एक पता या Address आपके घर के पता के समान है, जिसके जरीये हम किसी कंप्यूटर को पहचान कर सकते है और उस तक अपने किसी भी सेंदेश को भेज सकते है ।
इंटरनेट पर मौजूद हर कंप्यूटर का अपना एक अलग पता या होता है । नेटवर्क में एडेस के जरीये किसी भी कंप्यूटर या दूरसंचार नेटवक पर नेटवर्क नोड या डिवाइस को विषिश्ट रूप से अलग करता है ।
चलिए अब जानते है, आसल में कंप्यूटर में उस पता या Address की हमें क्यों जरूरत पड़ती है ।
एडेसिंग की आवश्यकता क्यों होती है – Why addressing is required ?
मान लेते है कि आपके पास एक पत्र है और उस पत्र को आप किसी के पास पहुचाना चाहते है, तो आपको उस व्यक्ति के नाम और उसके घर की पता जानना जरूरी होता है ताकि आपके पत्र सही व्यक्ति तक पहुंच सके ।
इसी तरह लोग जब कंप्यूटर पर काम करते है और अपने ही किसी कार्य/संदेश को दूसरे तक पहुचाना चाहते है तब उनको पता या एडेसिंग का आवश्यकता पड़ती है ।
आप अच्छे से जानते है हम सब के जिन्देगी में इंटरनेट का क्या महत्व है, लेकिन पते या Address के बिना इंटरनेट का कोई वजूद ही नहीं है ।
क्योंकि बिना एडेस के न तो हम इंटरनेट पर कुछ सर्च कर सकते है और न ही दुनिया के दूसरे लोगों से network के माध्यम से जुड़ सकते है ।
एडेसिंग कितने प्रकार के होते है – Types of addressing in Internet ?
कंप्यूटर पर एडेसिंग तीन प्रकार के होते है :-
- Physical addresses
- Logical addresses
- Port addresses
चलिए एक एक कर इनके बारे में बिस्तार से समजाता हु ।
Physical addresses
Physical एडेस को हार्डवेयर एडेस, लिंक एडेस या मैक (MAC) एडेस के नाम से भी जाना जाता है ।
आसल में Physical एडेस एक ऐसी एडेस है जिसे नेटवर्क इंटरफेस काडे के बनाने व्यक्त उसके निर्माता इस एडेस को निर्धारण करते हैं और अपने हार्डवेयर में स्टोर करते हैं ।
आमतौर पर यह एडेस निर्माता की पंजीकृत पहचान संख्या को एन्कोड करता है । नेटवर्क के आधार पर यह एडेस का आकार और प्रारूप भिन्न होता है ।
Physical Address को जानने की तरीका :
सबसे पहले आपके कंप्यूटर में Run Command चालू करना होगा, Run Command को चालू करने के लिए आपके कंप्यूटर में Start पर जा कर Run लिखकर Enter Press करें । Run Box में cmd लिख कर Enter Press करें
Run Command चालू होने के बाद, आपके कंप्यूटर के नाम के बाद ipconfig /all लिखकर Enter Press करें
जिससे आपके पास निचे दिए Screen खुल जायेगा, जहा आपको आपके कंप्यूटर से जोड़े सारे एडेसो के बारे जानकारी दिखेगा ।
मुझे आशा है Physical Address क्या है तथा आपके कंप्यूटर के Physical Address कैसे निकालेंगे यह भी जान लिया है । तो चलिए कंप्यूटर के दूसरे एडेस Logical Address के बारे में जानते है ।
Logical addresses
यदि हम इंटरनेट पर हर जगह से संवाद या संचार करना चाहते हैं, तो हमें एक ऐसे एडेस की आवश्यकता है, जो हर्डवेयर या Physical नेटवर्क से आजाद हो ।
हर जगह से संवाद करने के लिए Physical एडेस पर्याप्त नहीं है, इसलिए एक यूनिवर्सल एडेसिंग सिस्टम की आवश्यकता है जिसमें प्रत्येक होस्ट को विशिष्ट रूप से पहचाना जा सके ।
इंटरनेट की सेवा प्रदान करनेवाला ISP द्वारा प्रदान किया गया यह एक सार्वभौमिक पता (Universal Address) है जिसे Logical Address और IP Address के नाम से जाना जाता है ।
एक नेटर्वक पर, कंप्यूटर एक दूसरे को उनके आइपी पते (IP Address) से जानते है । इंटरनेट से कनेक्ट होने का मतलब है कि आपका कंप्यूटर सिस्टम या नेटवर्क इंटरनेट पर एक वास्तविक नोड है ।
इंटरनेट में प्रत्येक अलग कंप्यूटर को होस्ट कहा जाता है ।
इंटरनेट पर पत्येक होस्ट कंप्यूटर का एक विशिष्ट नंबर होता है, जिसे उसका आईपी पता कहा जाता है ।
IP Address एक 32-बिट संख्या है जो विशिष्ट रूप से एक नेटवर्क इंटरफेस की पहचान करती है ।
इंटरनेट पर एक होस्ट की पहचान करने के लिए, प्रप्येक होस्ट को एक एडेस, आईपी एडेस या कुछ मामलों में इंटरनेट एडेस सौंपा जाता है ।
आमतौर पर 32 बिट आईपी पते को चार नंबरों के साथ व्यक्त किऐ जाते है, हर एक नंबर को दशमीक (dotted-decimal) द्वारा अलग किए जाते है, जैसे कि 151.202.123.132
IP Address को जानने की तरीका :
किसी भी कंप्यूटर के IP Address जानने कि लिए भी उपर में लिए सारे Steps को अनुसरण करके Run Command के जरीये आप बड़े आसानी से आपके कंप्यूटर के IP Address भी जान सकते है । निचे दिए चित्र में लाल रंग से IP Address को दर्शाया गया है ।
मुझे उम्मीद है Logical/ IP Address क्या है इस बाने में अच्छे से समझा पाया हु, तो चलिए कंप्यूटर के तीसरी एडेस Port Address के बारे में जानते है ।
Port addresses
यह तो हम सब अच्छे से जानते है आज कंप्यूटर एक समय में कई प्रक्रियाओं को चला सकते हैं, इसलिए एक कंप्यूटर में एक प्रक्रिया की पहचान करने के लिए केवल logical और Physical Address पर्याप्त नहीं हैं ।
इसके लिए हमें प्रक्रिया पहचान संख्या या प्रक्रिया संचार के एडेस का आवश्यकता होती है । एक प्रक्रिया को सौंपा गया एक लेबल को पोर्ट एडेस (Port Address) कहा जाता है । यह भी एक Logical Address प्रकार के है । एक पोर्ट एडेस 16 बिट की लंबाई होती है ।
ऊपर बताये गए तिन Addresses के अलावा भी कंप्यूटर /इंटरनेट में एक और Address है जिसे Domain Name के नाम से जाना जाता है ।
Domain Name या Domain Address
अबतक आप तो जान ही लिया है की नेटवर्क पर कंप्यूटर एक दूसरे को उनके आईपी से जानते हैं । लेकिन इंसानो के लिए नंबर याद रखना या नंबर से किसी को पहंचता मुसकिल काम है ।
इस समस्या को हल करने के लिए आईपी एडेस को ऐसे नामों से जोड़ने का एक तरीका तैयार किया गया, जिन्हें आसानी से याद किया जा सके, उसे Domain Name कहा जाता है ।
एक Domain Name के जरीये हम किसी भी वेबसाईट तक पहुच सकते है, जैसे हमारे इस बेवसाईट तक Domain Name जो की tazahindi.com को इंटरनेट ब्राउजर में लिखकर Enter Press करके आप हम तक पहुंच सकते हैं ।
निर्ष्कष – Conclusion
मुझे आशा है अगर आपने इस पोस्ट को अच्छे से पड़ लिया तो कंप्यूटर नेटवर्क में एडेसिंग क्या होती है, इसके कितने प्रकार है और हमें एडेसिंग की आवश्यकता क्यों होती है इनके बारे में पूरी जानकारी मिल गया होगा ।
इसके बाद भी अगर आपके मन में इस विषय से जोड़े कोई भी सवाल है तो आप हमें कमेंट के जरिये सूचित कर सकते है । हमें आपकी कमेंट की प्रतीक्षा रहेगा । क्योंकि आप लोगों की बहुमूल्य कमेंट हमें हमारे अगले पोस्ट को और बहेतर बनाने में मदद करेगा ।
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