आज के समय में Networking और Internet Traffic पहले से कई गुना बढ़ चुका है। जब बहुत सारे Users एक साथ Data भेजते हैं तो Network में Congestion (भीड़) हो जाता है। इसका असर यह होता है कि Data Packets Loss होने लगते हैं, Latency बढ़ जाती है और Network Performance खराब हो जाता है।
यही Problem Solve करने के लिए Congestion Control का उपयोग किया जाता है।
तो चलिए Congestion Control के बारे में विस्तार से सीखते है ।
कंप्यूटर नेटवर्किंग में कंजेशन क्या है (What is Congestion in Computer Networks) ?
Congestion Control एक Networking Technique है, जिसका इस्तेमाल यह सुनिश्चित करने के लिए किया जाता है कि Network Overloaded न हो और Data Packets Efficiently Deliver हो।
Simple Words में:
जब Network पर ज्यादा Traffic आ जाता है और Routers/Switches उसे Handle नहीं कर पाते तो Congestion होता है। इसे Control करने के लिए Algorithms और Techniques इस्तेमाल होती हैं।
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नेटवर्किंग में कंजेशन कंट्रोल क्या है (What is Congestion Control in Networking in Hindi) ?
कंजेशन कंट्रोल से तात्पर्य भीड़भाड़ को नियंत्रित करने या रोकने और क्षमता से कम भार रखने के लिए इस्तेमाल की जाने वाली तकनीकों से है ।
किसी भी प्रणाली में भीड़भाड़ होती है जिसमें प्रतीक्षा करना शामिल होता है । नेटवर्क या इंटरनेटवर्क में भीड़भाड़ इसलिए होती है क्योंकि राउटर और स्विच में कतार बफर होते हैं जो प्रसंस्करण से पहले और बाद में पैकेट रखते हैं ।
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Networking में Congestion क्यों होता है?
- बहुत सारे Users का एक साथ Data Transfer करना।
- Network Bandwidth का Limited होना।
- Router/Switch Buffers का Overflow होना।
- Heavy Applications (जैसे Video Streaming, Online Gaming)।
- Improper Load Balancing।
Congestion Control vs Flow Control
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Congestion Control |
Flow Control |
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पूरे Network का Traffic Manage करता है |
Sender और Receiver के बीच Data Flow Manage करता है |
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Goal → Network Overload रोकना |
Goal → Receiver Buffer Overflow रोकना |
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Example → TCP Congestion Control |
Example → TCP Sliding Window Protocol |
कंजेशन कंट्रोल कितने प्रकार है (Types of Congestion Control) ?
कंजेशन कंट्रोल या भीड़भाड नियंत्रित तंत्र को दो श्रेणियों में विभाजित किया जा सकता है :-
- Open Loop Congestion Control
- Closed Loop Congestion Control
Open Loop Congestion Control
कंजेशन होने से पहले रोकने के लिए ओपन लूप कंजेशन कंट्रोल नीतियां लागू की जाती हैं । इस तंत्रों में, भीड़ नियंत्रण को र्सात या गंतव्य द्वारा नियंत्रित किया जाता है ।
Closed Loop Congestion Control
क्लोज्ड लूप कंजेशन कंट्रोल तकनीक का उपयोग कंजेशन के होने के बाद उसका इलाज करने या उसे मक करने के लिए किया जाता है ।
कंजेशन कैसे होती है (How Congestion Occurs) ?
कंप्यूटर नेटवर्क में congestion तब होती है जब नेटवर्क संसाधनों की मांग उपलब्ध क्षमता से अधिक हो जाती है, जिससे नेटवर्क प्रदर्शन में गिरावट आती है। निचे कुछ कॉमन कारण और परिदृश्य दिए गए हैं जो congestion का कारण बन सकते हैं:
Network Oversubscription
नेटवर्क ओवरसब्सक्रिप्शन तब होता है जब नेटवर्क इंफ्रास्ट्रक्चर की कुल क्षमता, जैसे राउटर, स्विच या लिंक, कनेक्टेड डिवाइस या एप्लिकेशन की कुल मांग से कम होती है। परिणामस्वरूप, जब कई उपयोगकर्ता या एप्लिकेशन एक साथ डेटा संचारित करने का प्रयास करते हैं, तो नेटवर्क मे भीड़भाड़ (congestion) हो जाता है।
Bursty Traffic
तेज़ (Bursty) ट्रैफ़िक पैटर्न भीड़भाड़ में योगदान कर सकता है। उदाहरण के लिए, वीडियो स्ट्रीमिंग या फ़ाइल ट्रांसफ़र जैसे ऍप्लिकेशन्स में, डेटा को कम समय में प्रसारित किया जाता है, जिससे नेटवर्क ट्रैफ़िक में अस्थायी वृद्धि हो सकती है। यदि इन Bursty ट्रैफ़िक पैटर्न को ठीक से प्रबंधित नहीं किया जाता है, तो वे नेटवर्क क्षमता को ओवरलोड कर सकते हैं, जिससे भीड़भाड़ (congestion) हो सकती है।
Network Bottlenecks
Congestion अक्सर नेटवर्क बाधाओं पर होती है, जो नेटवर्क में ऐसे बिंदु हैं जहां उपलब्ध क्षमता मांग से कम है। यह राउटर इंटरफेस, स्विच या सीमित बैंडविड्थ वाले लिंक पर हो सकता है। जब ट्रैफिक का भार इन बाधाओं की क्षमता से अधिक हो जाता है, तो congestion उत्पन्न हो जाती है।
Long Delays
नेटवर्क में लंबी देरी (Long Delays) से भी congestion बढ़ सकती है। उदाहरण के लिए, जब कोई उपकरण लंबी दूरी के संचार या अकुशल रूटिंग के कारण उच्च विलंबता का अनुभव करता है या लंबी राउंड-ट्रिप का अनुभव करता है, तो इससे पैकेटों का निर्माण हो सकता है और congestion की संभावना बढ़ सकती है।
Distributed Denial-of-Service (DDoS) Attacks
DDoS हमलों में किसी नेटवर्क या किसी विशिष्ट लक्ष्य पर अत्यधिक मात्रा में ट्रैफ़िक डालने के दुर्भावनापूर्ण प्रयास शामिल होते हैं। ये हमले तेजी से भीड़भाड़ (congestion) पैदा कर सकते हैं और नेटवर्क के सामान्य संचालन को बाधित कर सकते हैं, जिससे वैध यातायात को गुजरना मुश्किल हो जाएगा।
Inefficient Routing
इनएफ़्फीसिएंट रूटिंग प्रोटोकॉल या अनुचित नेटवर्क कॉन्फ़िगरेशन के परिणामस्वरूप भी भीड़भाड़ हो सकती है। यदि ट्रैफ़िक को उपलब्ध पथों पर उचित रूप से वितरित नहीं किया गया है या यदि रुट्स भीड़भाड़ वाले हैं, तो इससे नेटवर्क के कुछ हिस्सों में असमान संसाधन उपयोग और congestion हो सकती है।
Network Equipment Failure
नेटवर्क उपकरण, जैसे राउटर, स्विच या नेटवर्क इंटरफ़ेस कार्ड में विफलता के कारण भी भीड़भाड़ हो सकती है। यदि कोई महत्वपूर्ण नेटवर्क कॉम्पोनेन्ट ख़राब हो जाता है या ओवरलोडेड हो जाता है, तो यह congestion पैदा कर सकता है और यातायात के प्रवाह को बाधित कर सकता है।
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कंजेशन कंट्रोल की आवश्यकता क्यों है (Why Congestion Control is needed in Computer Network) ?
कंप्यूटर नेटवर्क में डेटा के प्रवाह को मैनेज करने और नेटवर्क कंजेशन को रोकने के लिए कंजेशन नियंत्रण एक आवश्यक मैकेनिज्म है। कंप्यूटर नेटवर्किंग में भीड़ या कंजेशन नियंत्रण क्यों आवश्यक है इसके कुछ कारण नीचे दिए गए हैं:
Network Performance
कंजेशन तब होती है जब नेटवर्क संसाधनों की मांग उसकी क्षमता से अधिक हो जाती है। जब कंजेशन होती है, तो नेटवर्क प्रदर्शन ख़राब हो जाता है, जिससे देरी बढ़ जाती है, पैकेट हानि होती है और थ्रूपुट कम हो जाता है। कंजेशन नियंत्रण तकनीकों का उद्देश्य भीड़भाड़ को कम करना और इष्टतम नेटवर्क प्रदर्शन को बनाए रखना है।
Fairness
कंजेशन नियंत्रण नेटवर्क शेयर करने वाले विभिन्न उपयोगकर्ताओं या अनुप्रयोगों के बीच संसाधन आवंटन में निष्पक्षता सुनिश्चित करता है। भीड़ नियंत्रण के बिना, एक उपयोगकर्ता या एप्लिकेशन नेटवर्क संसाधनों के एक महत्वपूर्ण हिस्से का उपभोग कर सकता है, जिससे दूसरों के लिए बहुत कम या कोई बैंडविड्थ नहीं बचेगा। भीड़ या कंजेशन नियंत्रण तंत्र का उद्देश्य प्रतिस्पर्धी उपयोगकर्ताओं के बीच नेटवर्क संसाधनों को उचित रूप से वितरित करना है।
Avoiding Network Collapse
कंजेशन के चरम मामलों में, नेटवर्क ओवरलोडेड हो सकता है और collapse हो सकता है, जिसके परिणामस्वरूप सर्विस पूरी तरह से समाप्त हो सकती है। कंजेशन नियंत्रण तंत्र भीड़भाड़ या कंजेशन का पता लगाकर और उस पर प्रतिक्रिया करके नेटवर्क पतन को रोकने में मदद करते हैं और इसे गंभीर स्तर तक पहुंचने से रोकते हैं।
Quality of Service (QoS)
नेटवर्क संचार में सेवा की वांछित गुणवत्ता बनाए रखने के लिए कंजेशन नियंत्रण महत्वपूर्ण है। भीड़भाड़ का मैनेज करके, नेटवर्क प्रशासक यह सुनिश्चित कर सकते हैं कि एप्लिकेशन को उनकी प्रदर्शन आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए आवश्यक बैंडविड्थ और नेटवर्क संसाधन प्राप्त हों।
Stability
कंजेशन नियंत्रण कंप्यूटर नेटवर्क की स्थिरता और सुचारू संचालन में योगदान देता है। डेटा ट्रांसमिशन की दर को विनियमित करके, कंजेशन नियंत्रण ट्रैफ़िक के अचानक bursts को रोकता है जो नेटवर्क उपकरणों पर ओवरलोड डाल सकता है और अस्थिरता या उपकरण विफलताओं का कारण बन सकता है।
Protocol Efficiency
कंजेशन नियंत्रण तकनीकों को विभिन्न नेटवर्क प्रोटोकॉल, जैसे ट्रांसमिशन कंट्रोल प्रोटोकॉल (TCP) में एकीकृत किया गया है। ये तंत्र नेटवर्क संसाधनों के उपयोग को अनुकूलित करने, अनावश्यक पुनः प्रसारण को कम करने और पूरे प्रोटोकॉल दक्षता में सुधार करने में मदद करते हैं।
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कंजेशन से कैसे बचा जा सकता है (How to avoid congestion) ?
एल्गोरिदम की धारणा यह है कि क्षति के कारण होने वाला पैकेट नुकसान बहुत छोटा ( 1% से भी कम) होता है । इसलिए, एक पैकेट का नुकसान स्रोत और गंतव्य के बीच नेटवर्क में कहीं भीड़भाड का संकेत देता है । पैकेट हानि के दो संकेत है :-
- A timeout occurs.
- Duplicate ACKs are received.
कंजेशन से बचाव और धीमी शुरुयात विभिन्न उद्देश्यों के साथ स्वतंत्र एल्गोरिदम हैं । लेकिन जब कंजेशन या भीड़भाड़ होती है, तो TCP को नेटवर्क में पैकेट की संचरण दर को धीमा करना चाहिए और चीजों को फिर से शुरू करने के लिए धीमी गति से शुरू करना चाहिए । व्यवहार में, उन्हें एक साथ लागू किया जाता है ।
कंजेशन से बचाव और धीमी शुरुयात के लिए आवश्यक है कि प्रप्येक कनेक्शन के लिए दो variables बनाए रखें :
- A congestion window, cwnd
- A slow start threshold size, ssthresh
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TCP Congestion Control Algorithms (2025 Update)
आज के Internet में TCP Congestion Control Algorithms सबसे ज्यादा Popular हैं।
(a) TCP Tahoe
- Congestion Window (cwnd) Start Slow होता है।
- Slow Start + Congestion Avoidance Mechanism।
- पुराना लेकिन Basic Algorithm।
(b) TCP Reno
- Tahoe से बेहतर।
- Fast Retransmit + Fast Recovery जोड़ता है।
- अभी भी कई Systems में Use होता है।
(c) TCP New Reno
- Reno का Advanced Version।
- Multiple Packet Losses Handle करता है।
(d) TCP CUBIC (Linux Default)
- High-Speed Networks के लिए Optimized।
- Non-linear Congestion Window Growth।
- 2025 में सबसे ज़्यादा इस्तेमाल होने वाला Algorithm।
(e) TCP BBR (Bottleneck Bandwidth and Round-trip propagation time)
- Google द्वारा विकसित।
- Bandwidth Estimation पर आधारित।
- YouTube, Google Cloud जैसे Services में Use होता है।
- High Throughput + Low Latency Provide करता है।
Real-world Example
मान लीजिए IPL Match का Final Live Streaming हो रहा है और लाखों लोग एक ही Time पर Hotstar App से Connect हो रहे हैं।
अगर Proper Congestion Control न हो तो:
- Video Buffering होगी
- Data Packets Lost होंगे
- Server Crash हो सकता है
Congestion Control Algorithms Network Load को Balance करते हैं और Streaming Smooth रहती है।
Advantages of Congestion Control
- Network Efficiency Improve होती है
- Packet Loss कम होता है
- Delay और Latency Reduce होती है
- Fair Bandwidth Allocation Possible होती है
- User Experience Better होता है
Disadvantages of Congestion Control
- Algorithms Implement करना Complex होता है
- कुछ Methods Slow Down कर देते हैं Data Transfer को
- हर Network Environment के लिए Perfectly Fit नहीं होते
Latest Trends on Congestion Control (2025 Update)
- AI-based Congestion Control → Machine Learning से Network Traffic Predict करके Control करना।
- 5G & IoT Networks → Ultra-Low Latency Congestion Control Techniques।
- Cloud & Data Center Networking → Advanced TCP Variants जैसे BBR2, Copa।
निर्ष्कष – Conclusion
Networking के बिना आज की Digital दुनिया अधूरी है। अगर Congestion Control न हो तो Internet Traffic Collapse हो जाएगा।
2025 में Congestion Control Techniques और भी Advanced हो गई हैं जैसे TCP CUBIC, TCP BBR और AI-based Algorithms, जो Modern Internet को Smooth और Fast बनाते हैं।
अगर आप Networking सीख रहे हैं या Exams/Interview की तैयारी कर रहे हैं तो Congestion Control का Concept ज़रूर Master करें – क्योंकि यही Future Networks की Backbone Technology है।
मुझे आशा है की अगर आपने इस पोस्ट को सही से पढ़ लिया है तो आपने Congestion Control के बारे में पूरी जानकारी प्राप्त कर लिया होगा, जैसे की कंजेशन क्या है, कंप्यूटर नेटवर्किंग में कंजेशन कंट्रोल क्या है, इसके कितने प्रकार है, कंजेशन किस लिए होती है, कंजेशन कंट्रोल की आवश्यकता क्यों है और कंजेशन से कैसे बचा जा सकता है ।
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FAQs
-
नेटवर्किंग में उपयोग की जाने वाली कुछ कॉमन कंजेशन नियंत्रण तकनीकें कौनसी हैं?
नेटवर्किंग में टीसीपी जैसी कई भीड़ नियंत्रण तकनीकों को नियोजित किया जाता है, जिसमें टीसीपी रेनो या टीसीपी क्यूबिक जैसे भीड़ नियंत्रण एल्गोरिदम शामिल होते हैं। अन्य तकनीकों में ट्रैफ़िक को आकार देना शामिल है, जहां डेटा ट्रांसमिशन की दर को विनियमित किया जाता है, और ट्रैफ़िक प्राथमिकताकरण, जहां कुछ प्रकार के ट्रैफ़िक को उनकी समय पर डिलीवरी सुनिश्चित करने के लिए उच्च प्राथमिकता दी जाती है।
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कंप्यूटर नेटवर्क में कंजेशन नियंत्रण क्यों महत्वपूर्ण है?
नेटवर्क प्रदर्शन को बनाए रखने और गिरावट को रोकने के लिए कंप्यूटर नेटवर्क में कंजेशन नियंत्रण महत्वपूर्ण है।
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क्या वायरलेस नेटवर्क में भी कंजेशन नियंत्रण लागू किया जा सकता है?
हाँ, वायरलेस नेटवर्क में कंजेशन नियंत्रण लागू किया जा सकता है।
