हेल्लो पाठकों !
क्या आप जानना चाहते है, इन्टरप्रेटर क्या है (What is Interpreter in Hindi), इन्टरप्रेटर कितने प्रकार होते है, इन्टरप्रेटर की आवश्यकता क्यों है, इन्टरप्रेटर का क्या महत्व है, इन्टरप्रेटर के क्या फायदे है और इन्टरप्रेटर कैसे कार्य करता है ।
तो चलिए Interpreter के बारे में विस्तार से जानते हैं ।
इन्टरप्रेटर क्या है (What is Interpreter in Hindi) ?
सभी उच्च स्तरीय प्रोग्रामिंग भाषाओं को मशीन कोड में बदलने की आवश्यकता होती है ताकि कंप्यूटर आवश्यक इनपुट लेने के बाद प्रोग्राम को समझ सके ।
सॉफटवेयर जिसके द्वारा उच्च स्तरीय निर्देशों का रूपांतरण लाइन बाय लाइन से मशीन स्तर की भाषा में किया जाता है, वह कम्पाइलर और असेंबलर के अलावा, इन्टरप्रेटर के रूप में जाना जाता है ।
इन्टरप्रेटर एक कंप्यूटर प्रोग्राम है, जो प्रत्येक उच्च स्तरीय प्रोग्राम स्टेटमेंट को मशीन कोड में परिवर्तित करता है । इसमें सोर्स कोड, पूर्व संकलित कोड और स्क्रिप्ट शामिल है ।
प्रोग्रामिंग में, हम एक प्रोग्राम को दो तरह से निष्पादित कर सकते हैं, सबसे पहले, कंपाइलर के माध्यम से और दूसरा, एक इन्टरप्रेटर के माध्यम से ।
इसमें यदि कोई स्टेटमेंट में त्रुटि मिलता है, जब तक कि उपयोगकर्ता द्वारा उस त्रुअ को सही नहीं किया जाता है, यह अगले स्टेटमेंट का अनुवाद नहीं करेगा ।
इन्टरप्रेटर कितने प्रकार होते है (Types of Interpreter) ?
इन्टरप्रेटर चार प्रकार के होते हैं :-
- Bytecode Interpreters
- Threaded Code Interpreters
- Abstract Syntax Tree Interpreters
- Self Interpreters
इन्टरप्रेटर की आवश्यकता क्यों है (Why Interpreter needed) ?
इन्टरप्रेटर की पहली और महत्वपूर्ण आवश्यकता सोर्स कोड को उच्च स्तरीय भाषा से मशीनी माषा में अनुवाद करना है । हालांकि, इस उदेश्य के लिए आप जानते ही होंगे की कंपाइलर नामक एक अन्य प्रोग्राम मौजुद है, जो उच्च स्तरीय भाषा से मशीनी भाषा में सोर्स कोड को अनुवाद भी करता है । मुझे लगता है कि आप सोच रहे होंगे, तो हमें इन्टरप्रेटर की आवश्यकता क्यों है जब एक समान सॉफटवेयर कंपाइलर मौजुद है ।
इन्टरप्रेटर की वास्तविक आवश्यकता तब आती है जब कंपाइलर सॉफटवेयर विकास की जरूरतों को पूरा करने में विफल रहता है । उच्च स्तरीय भाषा में प्रोग्राम विकसित करने के लिए कंपाइलर एक बहुत शक्तिशाली उपकरण है । लेकिन कंपाइलर से करने में कई समस्या आता है, यदि सोर्स कोड आकार में बहुत बड़ा है, तो सोर्स कोड को कंपाइल करने में घंटों लग सकते हैं । यहॉ इन्टरप्रेटर काम में आता है और इस विशाल कंपाइलेशन अवधि को कम कर सकता है । इन्टरप्रेटर को एक समय में एक निर्देश का अनुवाद करने और उन्हें तुरंत निष्पादित करने के लिए डिजाइन किया गया है ।
इन्टरप्रेटर का क्या महत्व है (Importance of Interpreter) ?
इन्टरप्रेटर के उपयोग (Applications of Interpreters) ?
- कमांड भाषा में निष्पादित प्रत्येक ऑपरेटर आमतौर पर एक जटिल दिनचर्या का आहान होता है, जैसे कि एक एडिटर या कंपाइलर, इसलिए उन्हें अक्सर भाषाओं को कमांड करने के लिए उपयोग किया जाता है ।
- स्व-संशोधित कोड को इन्टरप्रेटर भाषा की मदद से आसानी से लागू किया जा सकता है ।
- यह अधिक आधुनिक उपकरणों पर अप्रचलित और अनुपलब्ध हार्डवेयर के लिए लिखे गए कंप्यूटर सॉफटवेयर चलाने के लिए एक एम्यूलेटर है।
- इसमें वर्चुअलाइजेशन का उपयोग अक्सर तब किया जाता है जब इच्छित आर्किटेक्चर अनुपलब्ध होता है ।
इन्टरप्रेटर के क्या फायदे है (Advantages of Interpreter) ?
इन्टरप्रेटर कैसे कार्य करता है (How Interpreter works) ?
निर्ष्कष – Conclusion
FAQ’s
Q1 :
Ans :
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