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मल्टीप्लेक्सिंग क्या है | What is Multiplexing in Hindi

हेल्लो पाठकों !

क्या आप जानना चाहते है, मल्टीप्लेक्सिंग क्या है (What is Multiplexing in Hindi), मल्टीप्लेक्सिंग कितने प्रकार के होते है (Types of Multiplexing), और मल्टीप्लेक्सिंग की आवश्यकताएं क्या है ।

चलिए मल्टीप्लेक्सिंग के बारे में सीखते है ।

मल्टीप्लेक्सिंग क्या है (What is Multiplexing  in Hindi) ?

मल्टीप्लेक्सिंग एक ऐसी तकनीक है, जो कई टांगमिशन साधनों को एक बड़ा बैंडविडथ शेयर करने की अनुमति देता है । यह एक ऐसी मेथड है जिसके द्वारा एक शेयर माध्यम पर एकाधिक एनालॉग संदेश सिग्नल या डिजिटल डेटा स्टीम को एक सिग्नल में जोड़ा जाता है ।

मल्टीप्लेक्सिंग एक ऐसी तकनीक है जिसका उपयोग एक ही माध्यम में कई डेटा स्टीम को जोड़ने और भेजने के लिए किया जाता है ।

मल्टीप्लेक्सिंग कितने प्रकार होते है (Types of Multiplexing ) ?

आमतौर पर मल्टीप्लेक्सिंग पांच प्रकार होते है :-

  • Frequency Division Multiplexing
  • Wavelength Division Multiplexing
  • Time Division Multiplexing
  • Code Division Multiplexing
  • Space Division Multiplexing

Frequency Division Multiplexing

यह frequency टांसलेटिंग द्वारा कई उपयोगकर्ताओं के बीच संचार चैनल की बैंडविडथ षेयर करने की एक मेथड है ।

इसमें प्रत्येक इनपुट सिग्नल के विस्तार को कई अलग अलग आवृति (frequency) रेंज में जल्दी भेजा जाता है । FDM का एक बहुत प्रसिद्ध उदाहरण प्रसारण और केबल टेलीविजन है ।

आप सब तो देखे होंगे, ग्राहक के घर केवल एक केबल पहुंचता है, लेकिन केबल सेवा प्रदाता सभी ग्राहकों को उस केबल पर एक साथ कई टेलीविलन चैनल या सिग्नल भेजता है ।

अपने इच्छा के सिग्नल तक पहुंचने के लिए ग्राहक को उपयुक्त चैनल का मिलान करना पड़ता है ।

Wavelength Division Multiplexing

यह लगभग के समान है, इसमे केवल यह अंतर है कि यह उच्च डेटा दर का समर्थन करने के लिए उदेश्यपूर्ण रूप से फाइबर ऑप्टिक केबल के लिए डिजाइन किया गया है ।

यह भी विभिन्न आवृत्तियों के विभिन्न सिग्नलों को मिलाता है लेकिन आवृत्तियॉ बहुत अधिक होती है ।

WDM दुरसंचार प्रणालियों और कंप्यूटर नेटवर्क में अधिक उपयोग होता है जो फाइबर ऑप्टिक केबल पर प्रकाश सिग्नल भेजने के लिए लेजर सिस्टम का उपयोग करते है ।

Time Division Multiplexing

Code Division Multiplexing

Space Division Multiplexing

मल्टीप्लेक्सिंग की आवश्यकताएं क्या है (Requirement of Multiplexing) ?

मल्टीप्लेक्सिंग में एनालॉग और डिजिटल संचार दोनों की सुविधा होने के बजे से जादा तर उद्योगों में इसकी उपयोग किया जाता है ।

मल्टीप्लेक्सिंग की उत्पति टेलीग्राफी में हुई थी और अब इस संचार में व्यापर रूप से लागू किया जाता है । इसका उपयोग कंप्यूटर नेटवर्क में भी किया जाता है, अक्सर एक विस्तृत क्षेत्र नेटवर्क में कई सिग्नल प्रसारित करने के लिए ।

जब कई सिग्नल या चैनल प्रसारित करने होते हैं, तो टांसमीटर की तरफ से जो एक साथ भेजता है, तब मल्टीप्लेक्सर कई को एक में बदल देता है, ताकि प्राप्त करने वाले छोर (receiving end) पर भी हमें सभी इनपुट एक साथ मिलें ।

अनेक सिग्नलों को अलग से भेजने के लिए अधिक तारों की आवश्यकता होती है औ भेजना महंगा भी है, इसलिए हमें मल्टीप्लेक्सिंग की जरूरत होती है ।

जादातर संगठन में मल्टीप्लेक्सिंग का इस्तेमाल करने का मुख्य रूप से दो कारण होते है :-

  • प्रत्येक डिवाइस जोड़ी के बीच एक समर्पित कनेक्शन की आवश्यकता के बिना नेटवर्क उपकरणों को एक दुसरे के साथ संवाद करने में सक्षम करने के लिए ।
  • दुर्लभ या मंहगे नेटवर्क संसाधनों का बेहतर उपयोग करने के लिए ।

निर्ष्कष –Conclusion

मुझे आशा है आपने मल्टीप्लेक्सिंग क्या है (What is Multiplexing in Hindi), मल्टीप्लेक्सिंग के प्रकार, हर प्रकार के मल्टीप्लेक्सिंग कहा बेवहार होते है और मल्टीप्लेक्सिंग की आवश्यकताएं क्या है इस बारे में आपने अच्छे से जान लिया हैं ।

अगर फिर भी Multiplexing के बारे में आपके मन में कोई भी सवाल है तो आप हमें कमेंट करके बता सकते है ।

हमें आपकी कमेंट का प्रतीक्षा रहेगा ।

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Satyajit
Satyajithttps://tazahindi.com
इस पोस्ट के लेखक सत्यजीत है, वह इस वेबसाइट का Founder भी हैं । उन्होंने Information Technology में स्नातक और Computer Application में मास्टर डिग्री प्राप्त की हैं ।
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