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रेड मॉडल क्या है | What is RAD Model in Hindi

रेड मॉडल क्या है (What is RAD Model in Hindi) ?

RAD मॉडल का पूरा नाम Rapid Application Development मॉडल है । रैपिड एप्लिकेशन डेवलपमेंट एक सॉफटवेयर डेवलपमेंट पद्धति है जो रैपिड प्रोटोटाइप के पक्ष में न्यूनतम योजना का उपयोग करती है ।

RAD मॉडल में नियोजन पर कम ध्यान दिया जाता है और विकास कार्यों को अधिक प्राथमिकता दी जाती है ।

रेड मॉडल के कितने चरण होते है (Phases of RAD Model) ?

आरएडी मॉडल के विभिन्न चरण इस प्रकार है :-

  • Requirements Planning
  • User Description
  • Construction
  • Cutover  

Requirements Planning

यह चरण सिस्टम विकास जीवन चक्र के सिस्टम प्लानिंग और सिस्टम विश्लेषण के तत्वों को जोड़ता है । इस चरण में, प्रोजैक्ट की आवश्यकता एकत्र की जाती है और प्रोजैक्ट की योजना बनाई जाती है । इसमें महत्वपूर्ण डेटा का वर्णन करने वाली संपूर्ण संरचित योजना, इसे प्राप्त करने के तरीके और फिर अंतिम परिष्कृत मॉडल बनाने के लिए इसे संसाधित करना शामिल है ।

User Description

यह चरण एक सतत संवादात्मक प्रक्रिया है जो यूजरों को सिस्टम के एक कार्यशील मॉडल को समझने, संशोधित करने और अंत में अनुमोदित करने की सुविधा प्रदान करती है जो उनकी आवश्यकतओं को पूरा करता है ।

Construction

इस चरण में, प्रोटोटाइप का शोधन और वितरण होता है । इसमें प्रक्रिया और डेटा मॉडल को अंतिम कार्यशील उत्पाद में बदलने के लिए शक्तिशाली स्वचालित उपकरणों का वास्तविक उपयोग शामिल है । इस चरण में सभी आवश्यक संशोधन और संवर्द्धन भी किए जाते है ।

Cutover

यह RAD मॉडल के अंतिम चरण है, जिसमें डेटा रूपांतरण परीक्षण, नई प्रणाली में बदलाव और यूजर प्रशिक्षण शामिल हैं ।

रेड मॉडल मॉडल का उपयोग कब करते है(When to use RAD Model) ?

  • जब एक सिस्टम को कम समया में तैयार करने की आवश्यकता होती है तो RAD मॉडल को उपयोग करते है ।
  • जब आवश्यकताओं को जानते है ।
  • जब कोड निर्माण के लिए स्वचालित उपकरणों की लागत के साथ साथ मॉडलिंग के लिए डिजाइनरों को वहन करने के लिए बजट पर्याप्त हो ।
  • जब तकनीकी जोखिम कम हो तब भी इस मॉडल का उपयोग करते है ।
  • जब यूजर पूरे जीवन चक्र में शामिल रहेगा तब इस मॉडल का उपयोग करते है ।

रेड मॉडल के क्या लाभ है (Benefits of RAD Model) ?

  • यह लचीला और परिवर्तनों के अनुकूल है ।
  • इसमें कम लागत है क्योंकि कम डेवलपर्स की आवश्यकता होती है ।
  • इस मॉडल में शक्तिशाली विकास उपकरणों के उपयोग से अपेक्षाकृत कम समय में बेहतर गुणवत्ता वाले उत्पाद प्राप्त होते हैं ।
  • इसमें प्रोजैक्ट की प्रगति और विकास को विभिन्न चरणों के माध्यम से मापा जा सकता है ।
  • यह पुनः प्रयोज्य घटकों का उपयोग करता है, जो प्रोजैक्ट के च्रक समय को कम करने में मदद करता है ।

निर्ष्कष- Conclusion

मुझे लगता है इस पोस्ट से मे आपको सॉफटवेयर इंजीनियरिंग में रेड मॉडल क्या हैए इस मॉडल में कितने चरण होते है और इसका उपयोग कहॉ करते है, इनके बारे में हिन्दी में अच्छे से जानकारी दिया हैं।

अगर फिर भी RAD Model को लेकर आपके मन में अन्य कोई सवाल है तो आप हमें कमेंट के जरीए पुछ सकते है ।

FAQ‘s

Q1 :

Ans:

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Satyajit
Satyajithttps://tazahindi.com
इस पोस्ट के लेखक सत्यजीत है, वह इस वेबसाइट का Founder भी हैं । उन्होंने Information Technology में स्नातक और Computer Application में मास्टर डिग्री प्राप्त की हैं ।
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