हेल्लो पाठकों !
क्या आप जानना चाहते है URL क्या है, इसके बनावट और ये कैसे कार्य करता हैं तो इस लेख में आपका स्वागत ।
यह लेख आपके लिए बहुत महत्वपूर्ण होने वाला है, जिसमें आपको URL क्या है, URL के इतिहास, URL के बनावट, इसके प्रकार और यह वेब पर कैसे कार्य करता है, इन सबके बारे में विस्तार से जानकारी मिलेगा ।
यदि आपने इस लेख को शुरू से लेकर अन्त तक बिना कुछ छोड़े ध्यान से पड़ लिया तो आशा करूंगा की आपको URL के बारे में और कोई सवाल नहीं बचेगा ।
इंटरनेट/वेब पर यूजर किसी भी संसाधनों तक पहुॅचने के लिए आमतोर पर TCP/ IP इंटरनेट एप्लीकेशन सैवा की मदद लेते है ।
जब उपयोगकर्ता इंटरनेट पर कुछ खोज करते है, तो वे Text, graphics, sound और वीडियो से बने मल्टीमीडिया पेज को देखते हैं ।
वेब पेजेस को Hypertext Markup Language (HTML) में लिखा जाता है ।
उपयोगकर्ता अपने कंप्यूटर पर वेब बा्रउजर जैसे Internet Explorer, Google Chrome, Mozilla Firefox, Microsoft Edge or Opera etc का उपयोग करके इंटरनेट पर सर्वर आधारित संसाधनों तक पहुॅचते हैं ।
वेब के दुनिया में ऐसे तो कोई शब्दावली हैं, जिनमें से एक महत्वपूर्ण नाम है URL
तो, चलिए जानते है URL के बारे में :-
URL क्या है – What is URL in Hindi ?
URL का पूरा नाम हैं Uniform Resource Locator । ये Web की दुनिया में एक प्रमुख अवधारणाओं में से एक है । यह इंटरनेट पर प्रकाशित संसाधन को प्राप्त करने के लिए browser द्वारा उपयोग किया जाने वाला एक तंत्र है ।
अगर आप किसी वेबसाइट के डेटा को पड़ना या उस वेबसाइट तक पहुचना चाहते है तो आपको URL की आवश्यकता होती है ।
इंटरनेट पर जानकारी के एक पृष्ठ का प्रतिनिधित्व करने और पहचानने के लिए उपयोग किए जाने वाले की एक समुह है जिसका उपयोग Web Browser द्वारा इंटरनेट पर संसाधनों को खोजने के लिए किया जाता है ।
किसी वेबसाइट तक पहुॅचने के लिए, हम ज्यादातर URL का उपयोग या तो सीधे Browser के Address बार में टाइप करके करते है या Hyperlinks पर क्लिक करके करते हैं ।
चलिए एक उदाहरण से समझते हैं :-
मान लेते है कि आपके के पास X, Y, X कोई एक वेबसाइट है । तो आपके वह X, Y, Z वेबसाइट को एक घर (House) बला जायेगा और उस वेबसाइट के URLs को उस घर के पता या Address बलेंगे ।
जैसे हमारे घर की पता यह निर्धारित करता है कि हम कहॉ रहते है, ठीक उसी तरह वेबसाइट के URLs यह बताता है कि आपकी वेबसाइट ऑनलाइन में कहॉ रहती हैं, जो विजिटर या यूजर को उस वेबसाइट को ऑनलाइन में खोजने में मदद करता है ।
URL की बनावट कैसे होता है – Structure & parts of a URL
URL में कोई भाग होते है, प्रप्येक भागो का अलग अलग कार्य होता है । तकनीकी रूप से URL के तिन तत्व या भाग होते हैं, URL के प्रत्येक भाग को अच्छे से समझने के लिए, इसके हर एक भाग को अच्छे से मसझना जरूरी है ।
एक URL के तिन मुख्य भाग या तत्व है-Scheme (Protocol), Host name (Domain/ Server) and Pathname (Resource).
चलिए URL के हर एक भाग के बारे में विस्तार से जानते है ।
Scheme or Protocol
Scheme वेब सर्वर को बताता है कि किसी वेबसाइट पर किसी पृष्ठ तक पहुॅचने पर किस प्रोटोकॉल (Protocol) का उपयोग करना है । इसमें भी कई प्रकार के है, जैस http, https, ftp, file gopher, mailto, news, telnet, wais.
Host name or domain name
यह किसी वेबसाइट का नाम या पता है। इसके जरिए लोग किसी वेबसाइट को जानते है और उस वेबसाइट तक पहुॅचते है।
इसमें भी दो भाग है, पहले भाग को सेकंड-लेवल डोमेन (Second-level Domain) और दुसरे भाग को टॉप लेवल डोमेन (Top-level Domain) कहॉ जाता है । उपर दिये गए चित्र से आप डोमेन को अच्छे से जमझ सकते है ।
Top-level Domain को वेबसाइट के Extension कहा जाता है, इय भी कोइ प्रकार के होते है, जैसेः- .com, .org, .net, .gov, .edu, .shop, .mil, इसके अलावा country specific extension भी होते है जैसे- .in, .uk, .jp, .fr.
.com – Commercial website
.org- organization website
.net – network website
.gov- Government website
.edu- Education website
.shop – Shop website
Pathname (Resource) :
URL के प्रकार – Types of URL
वेसे तो URL कोई प्रकार के होते है, चलिए उन में से मुख्य URL के बारे मे जानते है :-
- Messy
- Dynamic
- Static
- Obfuscated
URL कैसे काम करता है – How does a URL works ?
जब हम Browser के भीतर किसी URL को टाइप करके खोजते है, तो ब्राउजर उस URL के मदद से HTTP सर्वर की होस्ट मशीन और पोर्ट (Port) की पता लगाता है कहॉ पर वह दस्तावेज उपलब्ध है ।
बाद में, उस दस्तावेज के लिए एक HTTP अनुरोध भेजता है और सर्वर के साथ TCP/IP के माध्यम से उचित कनेक्शन बनाता हैं ।
फिर ब्राउजर सर्वर को अनुरोध भेजता है और सर्वर से अनुरोधित दस्तावेज के साथ प्रतिक्रिया मिलने की प्रतीक्षा करता है ।
यदि यहा तक सब कुछ ठीक ठाक हो जाता है तो ब्राउजर हमारे कंप्यूटर तक दस्तावेज को प्रदर्शित करता है ।
निष्कर्ष (Conclusion)
इस लेख में, Uniform Resource Location (URL) क्या है, इसकी बनावट और ये कैसे कार्य करता है, इस बारे में अच्छे से पूरी जानकारी दी है और आशा करता हॅू की आपको URL के बारे में अच्छे से समझ में आ गया है ।
हमे उम्मीद है कि यह लेख आपको पसंद आया होगा । अगर फिर भी आपका कोई सवाल या सूझाव है तो आप हमे कमेंट करके जरूर अवगत करवाए ।