केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने संसद के बाहर संवाददातरओं से बातचीत के दौरान कहा कि 2014 के बाद लड़कियों के स्कूल छोड़ने की दर में गिरावट देखी गई है ।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया की बयान
जबकि पीजी सीटें लगभग दोगुनी हो गई हैं। उन्होंने शिक्षा के क्षेत्र में इस विकास के लिए एनडीए सरकार को श्रेय दिया ।
उन्होंने ने कहा कि मोदी सरकार यह सुनिश्चित करने की कोशिश कर रही है कि देश में डॉक्टरों की जरूरत पूरी हो और चिकित्सा शिक्षा के इच्छुक बच्चों को विदेश न जाना पड़े।
एमबीबीएस सीटों की संख्या में बढ़ोतरी
उन्होंने ने कहा, “एमबीबीएस सीटों की संख्या में 87 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है। आठ साल पहले, 53,000 सीटें थीं, जो अब बढ़कर 96,000 हो गई हैं।”
इसी अवधि में, स्नातकोत्तर मेडिकल सीटें 31,000 से बढ़कर 63,000 हो गई हैं, जो 105 प्रतिशत की वृद्धि है।
उन्होंने कहा कि मेडिकल कॉलेज भी 2014 में 387 से बढ़कर 2022 में 648 हो गए हैं।
मंत्री ने कहा कि नई शिक्षा नीति (एनईपी) का राज्यों और समाज के सभी वर्गों में स्वागत किया जा रहा है।
ऑनलाइन पढ़ाई पर जोर
उन्होंने कहा कि कोविड-19 के दौरान भी यह सुनिश्चित करने के लिए कई पहल की गईं कि शिक्षा बाधित न हो। दीक्षा पोर्टल के माध्यम से क्विक रिस्पांस (क्यूआर) कोड को स्कैन करके कोई भी पुस्तक पढ़ सकता है, जबकि कक्षा 1 से 12 तक के छात्रों को स्वयं प्रभा टीवी चैनल के माध्यम से भी पढ़ाया जा रहा है।
2.5 लाख स्कूलों में 4.5 लाख से अधिक शौचालय
मंडाविया ने कहा कि स्कूलों में लड़कियों की ड्रॉपआउट दर को रोकने में शौचालयों ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
उन्होंने कहा, “2.5 लाख स्कूलों में 4.5 लाख से अधिक शौचालय बनाए गए, जिसके परिणामस्वरूप ड्रॉपआउट अनुपात 17 प्रतिशत से घटकर 13 प्रतिशत हो गया है।”
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