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OSI मॉडल क्या है |What is OSI Model in Hindi

1997
OSI model kya hai in hindi

हेल्लो पाठकों !

क्या आप जानना चाहते है OSI मॉडल क्या है (What is OSI Model in Hindi), ओ एस आई मॉडल में कितनी लेयर होती है, OSI मॉडल का क्या काम है और OSI की विशेषताएं क्या है ।

अगर आप इन सब सवालों के बारे में जानकारी इंटरनेट पर खुज रहे हो तो आपको इस लेख में स्वागत है।

आज हमारें जीवन में कंप्यूटर एवं नेटवर्क का क्या महत्व है ये तो सब अच्छे से जानते ही है । आज हर जगह जैसे कंप्यूटर, मोबाइल, टीवी, सोशल मीडिया, शिक्षा, मनोरंजन आदि के लिए इंटरनेट एवं नेटवर्क की इस्तेमाल करते है ।

इंटरनेट के बिना हमारे जीवन में ऐसे लगता है की कुछ खालीपन एवं अधूरापन है ।

हम जानते है आप भी हर रोज इंटरनेट का इस्तेमाल जरूर कर रहें होगें, इसलिए, इंटरनेट एवं उससे जुड़े OSI मॉडल के बारे में जानकारी रखना हर एक इंसान के लिए अति आवश्यक है ।

और खास करके, अगर आप एक छात्र या नेटवर्किंग के बारे में सीखने में रूचि रखते हो तो OSI मॉडल को समझना आपको लिए एक प्राथमिक आवश्यकता है ।

चलिए शुरू करते है ।

OSI मॉडल क्या है |What is OSI Model in Hindi

OSI का फुल फॉर्म है Open System Interconnection । इसे अंतर्राश्टीय मानकीकरण संगठन द्वारा बनाया गया एक वैचारिक मॉडल है जो विभिन्न संचार प्रणालियों को मनक प्रोटोकॉल का उपयोग करके संचार करने में सक्षम बनाता है ।

यह वर्णन करता है कि कैसे डेटा और नेटवर्क की जानकारी एक कंप्यूटर से दूसरे कंप्यूटर तक नेटवर्क मीडिया के माध्यम से पहुंचाई जाती है ।

OSI मॉडल में सात अलग- अलग संबंधित लेयर होती हैं, प्रत्येक लेयर का कुछ कार्य एवं हिस्से दारी होता है जिसके बजे से नेटवर्क पर सूचना को स्थानांतरित कर पाते है ।

OSI मॉडल क्यों महत्वपूर्ण है – Why OSI Model is important ?

नेटवार्क जब पहली बार अस्तित्व में आया था, उस समय कंप्यूटर आमतौर पर केवल उसी निर्माता के कंप्यूटर के साथ संचार कर पाते थे । इस बाधा को तोड़ने के लिए, 1970 साल के अंत में, अंतरांश्टीय मानकीकरण संगठन द्वारा OSI मॉडल को बनाया गया । जिसके बजे से सभी प्रकार के कंप्यूटर सिस्टम के बीच संचार की सुबिधा शुरू हो पाया है ।

ऐसे तो OSI मॉडल को कई महत्वपूर्ण कारणों से इस्तेमाल किया जाता है, जैसे :-

  • यह नेटवर्क संचार प्रक्रिया को छोटे और सरल भागों में विभाजित करता है, जिससे घटक विकास, डिजाइन और समस्या निवारण में सहायता करता है ।
  • यह विभिन्न प्रकार के नेटवर्क हार्डवेयर और सॉफटवेयर को संचार करने की सुबिधा प्रधान करता है ।

OSI मॉडल में सात लेयर क्या क्या होते है –What are the seven layers of the OSI Model ?

OSI मॉडल सात महत्वपूर्ण लेयर से बनते है, जिनका नाम है :-

  • Application Layer
  • Presentation Layer
  • Session Layer
  • Transport Layer
  • Network Layer
  • Data Link Layer
  • Physical Layer

अव जानते है इन सोतो लेयर के बारे में विस्तार से, किस लेयर के साथ क्या काम किए जाते है ।

Application Layer

OSI मॉडल में एप्लिकेशन लेयर सबसे उपरी स्तर है । यह लेयर उपयोगकर्ता को नेटवर्क तक पंहुचने की सुबिधा प्रदान करती है । यह एप्लिकेषन और नेटवर्क के बीच एक इंटरफेस प्रदान करती है ।

Presentation Layer

यह लेयर आदर्ष संचार सेवांए प्रदान करने के लिए डेटा को रूपांतरित करती है । यह लेयर बाहार जाने वाले डेटा को नेटवर्क मानक द्वारा औपचारिक स्वीकार्य में परिवर्तित करती है और फिर डेटा को सिजन लेयर में भेजती है । इस लेयर की मुख्य तिन जिम्मेदारी है कि डेटा को अनुवाद करना, encryption करना और compression करना ।

Session Layer

सिजन लेयर कंप्यूटर के बीच संवाद को नियंत्रित करती है । यह दो मोड के बीच प्रवाह का प्रबंधन करती है और यह निर्धारित करती है कि संचार एक-दिशात्मक या द्वि-दिशात्मक है या नहीं ।

Transport Layer

टांसपोर्ट लेयर अंतिम बिंदुओं, end to end, error recovery  और फलो कंटोल के बीच डेटा का भरोसेमंद और परदर्शी टांसफर प्रदान करता है । इस लेयर का मूल कार्य सिजन लेयर से डेटा प्राप्त करना और यदि आवश्यक हो तो इसे छोटे छोटे टुकरों में भिवाजित करके आगे भेजना ।

यह लेयर पूरे सेंदेश के वितरण को संसाधित करने की प्रक्रिया के लिए जिम्मेदार होता है ।

Network Layer

नेटवर्क लेयर दो नोडस के बीच संबंध स्थापित करती है । यह मूल और गंतव्य नोडस के बीच उपयोग किए जाने वाले मार्ग को स्थापित करता है ।
नेटवर्क लेयर नेटवर्क पर यातायात की समस्याओं को नियंत्रण करता है ।

Data Link Layer

यह लेयर भौतिक लिंक पर डेटा की विश्वसनीय डिलीवरी प्रदान करती है। डेटा लिंक लेयर एक भौतिक लेयर के माध्यम से एक कंप्यूटर से दूसरे कंप्यूटर में डेटा फ्रेम का त्रुटि मुक्त स्थानांतरण प्रदान करती है ।

Physical Layer

यह लेयर OSI मॉडल में सबसे निचले लेयर होती है । यह लेयर बिट स्टीम को एक नोड से दूसरे नोड में संचरण के लिए जिम्मेदार होता है ।

यह लेयर किसी डिवाइस को नेटवर्क से भौतिक रूप से जोड़ने के लिए आवश्यक हार्डवेयर के केबल, कनेक्टर, कार्ड और मौतिक पहलुओं को परिभाषित करती है ।

यह लेयर डेटा लिंक लेयर से डेटा फ्रेम को पाप्त करती है और डेटा को क्रमिक रूप से एक बार में एक बिट प्रसारित करती है ।

OSI मॉडल की विशेषताएं क्या है – Characteristics of OSI Model 

OSI मॉडल में सात लेयर होते है, और उन सातो लेयर को दो समूहों में बांटा गया है, जिनको ऊपरी लेयर और निचली लेयर के नाम से जाना जाता है ।

ऊपरी तीन लेयर यह निर्धारित करती है कि अंतिम स्टेशनों वाले एप्लिकेशन एक दूसरे के साथ और उपयोगकर्ताओं के साथ कैसे संवाद करते है ।

निचली चार लेयर यह निर्धारित करती है कि डेटा को शुरू से अंत तक कैसे प्रसारित किया जाता है ।

OSI मॉडल यह निर्धारित करता है कि कैसे Physical तार, switches और routers के माध्यम से डेटा को एक से दूसरी जागा पर स्थानांतरित किया जायेगा ।

निष्कष – Conclusion

हमें आशा है कि इस लेख के माध्यम से आपको ओ एस आई मॉडल क्या है(What is OSI Model in Hindi), ओ एस आई मॉडल की लेयर, इसके लाभ, और ओ एस आई मॉडल कैसे कार्य करता है, इन सबके बारे में आपको अच्छे से समझा पाया हॅु ।

उम्मीद है कि आपको यह लेख पसंद आया होगा ।

इस लेख के बारे में अगर आपके मन में कोई भी सवाल या सूझाव है तो आप हमसे कमेंट के माध्यम से सूचित कर सकते है ।

हमें आपकी कमेंट का प्रतीक्ष रहेगा, क्योंकि आप लोगों की राय और सूझाव हमें अगले लेख को और बेहतर लिखने अथवा बनाने में हमें प्रेरित करेगा ।

1 COMMENT

  1. सर आपकी यह पोस्ट बहुत अच्छी है और हमें आपकी यह पोस्ट पढ़ कर बहुत कुछ सीखने को मिला है, आपकी सारी पोस्ट बहुत अच्छी होती है इसलिये मैं चाहता हूं कि आप ऐसी ही और भी अच्छी अच्छी पोस्ट लाते रहे जिससे हमें और भी बहुत कुछ सीखने को मिलता रहे धन्यवाद सर |||
    ( दोस्तो “osi model full form in hindi” इसके बारे मे और भी अधिक जानने के लिये “osi model full form in hindi” इस पर क्लिक करे। )

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