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कंप्यूटर नेटवर्क में ट्रांसपोर्ट लेयर क्या है | What is Transport Layer in Hindi

हेल्लो पाठकों !

क्या आप जानना चाहते है, कंप्यूटर नेटवर्क में ट्रांसपोर्ट लेयर क्या है (What is Transport Layer in Hindi)

कंप्यूटर नेटवर्क में ट्रांसपोर्ट लेयर क्या है (What is Transport Layer in Hindi) ?

ट्रांसपोर्ट लेयर को हिन्दी में अर्थ परिवहन परत है । ट्रांसपोर्ट लेयर OSI नेटवर्क मॉडल में उपर से चौथी लेयर है । OSI मॉडल नेटवर्क वाले कंप्यूटरों के बीच सूचनाओं को स्थानांतरित करने से जुड़े कार्यों को सात छोटे, अधिक प्रबंधनीय कार्य समूहों में विभाजित करता है । OSI की सात परतों में से प्रत्येक को एक कार्य या कार्यों का समूह सौंपा गया है ।

ट्रांसपोर्ट लेयर की मुख्य भूमिका विभिन्न होस्टों पर चल रही एप्लिकेशन प्रक्रियाओं को सीधे संचार सेवांए प्रदान करना है ।

ट्रांसपोर्ट लेयर के क्या कार्य है (Functions of Transport Layer) ?

ट्रांसपोर्ट लेयर के विभिन्न कार्य और जिम्मेदारियां निम्न प्रकार होते है :-

  • Process to process delivery
  • Multiplexing
  • Congestion Control
  • Data integrity and Error correction
  • Flow Control
  • End to end connection between hosts

Process to process delivery

प्रवाह नियंत्रण बनाए रखने और यूजरों को सिस्टम के बीच विश्वसनीय डेटा परिवहन का अनुरोध करने की सूविधा देकर परिवहन स्तर पर डेटा अखंडता सुनिश्चित की जाती है ।

प्रेषक को रिसीवर पर हावी होने से रोकने के लिए प्रवाह नियंत्रण का उपयोग किया जाता है । यदि रिसीवर बहुत अधिक डेटा के साथ अतिभारित होता है, तो रिसीवर पैकेट को त्याग देता है और पैकेट के पुनः संचरण के लिए कहता है ।

Multiplexing

ट्रांसपोर्ट लेयर मल्टीप्लेक्सिंग मैकनिज्म प्रदान करता है जो हमें एक नेटवर्क पर एक साथ विभिन्न एप्लिकशन से पैकेट स्ट्रीम भजने में सक्षम बनाता है । ट्रांसपोर्ट लेयर इन पैकेटों को उनके पोर्ट नंबरों द्वारा विभेदित विभिन्न प्रक्रियाओं से स्वीकार करता है और उचित हेडर जोड़ने के बाद उन्हें नेटवर्क लेयर में भेजता है ।

Congestion Control

कंजेशन एक ऐसी स्थ्ति है जिसमें नेटवर्क पर बहुत सारे सोर्स डेटा भेजने का प्रयास करते हैं और राउटर बफर ओवरफलो होने लगते हैं जिसके कारण पैकेट का नुकसान होता है । परिणामस्वरूप स्रोतों से पैकेटों के पुनः प्रेषण से भीड़भाड और बढ़ जाती है । इस स्थिति में, ट्रांसपोर्ट लेयर विभिन्न तरीकों से कंजेशन कंट्रोल प्रदान करता है । यह भीड़भाड़ को रोकने के लिए ओपन लूप कंजेशन कंट्रोल का उपयोग करता है और एक बार होने पर नेटवर्क में कंजेशन को दूर करने के लिए क्लोज्ड लूप कंजेशन कंट्रोल का उपयोग करता है ।

Data Integrity and Error Correction

ट्रांसपोर्ट लेयर एरर डिटेक्शन कोड, कंप्यूटिंग चेकसम का उपयोग करके एप्लिकेशन लेयर से आने वाले संदेशों में त्रुटियों की जांच करता है, यह जांचता है कि प्राप्त डेटा दूषित नहीं है और डेटा आ गया है या नहीं, प्रेषक को सूचित करने के लिए ।ब्ज्ञ और छ।ब्ज्ञ सेवाओं का उपयोग करता है । और डेटा की अखंडता के लिए जॉच करता है ।

Flow Control

परिवहन लेयर टीसीपी/ आईपी मॉडल की आसन्न लेयरों के बीच एक प्रवाह नियंत्रण तंत्र प्रदान करती है । टीसीपी कुछ प्रवाह नियंत्रण तकनीकों को लागू करके तेज प्रेषक और धीमी रिसीवर के कारण डेटा हानि को भी रोकता है । यह विंडो प्रोटोकॉल को स्लाइड करने की विधि का उपोगा करता है जो रिसीवर द्वारा प्राप्त डेटा के आकार को सूचित करने वाले प्रेषक को वापस भेजकर पूरा किया जाता है ।

End to end connection between hosts

ट्रांसपोट लेयर होस्ट के बीच End-to-End कनेक्शन बनाने के लिए भी जिम्मेदार है, जिसके लि यह मुख्य रूप से टीसीपी और यूडीपी का उपयोग करता है ।

ट्रांसपोट लेयर के क्या लाभ है (Advantages of Transport Layer) ?

ट्रांसपोट लेयर कौन सी सेवांए प्रदान करती है (Services provided by Transport Layer) ?

ट्रांसपोट लेयर द्वारा प्रदान की जाने वाली सेवाएं डेटा लिंक लेयर के समान होती हैं । डेटा लिंक लेयर एक नेटवर्क के भीतर सेवाएं प्रदान करती है जबकि ट्रांसपोट लेयर कई नेटवर्क से बने इंटरनेटवर्क में सेवाएं प्रदान करती है । डेटा लिंक लेयर फिजिकल लेयर को नियंत्रित करती है जबकि ट्रांसपोट लेयर सभी निचली लेयरों को नियत्रित करती है ।

ट्रांसपोट लेयर कौनसी प्रोटोकॉल का उपयोग करता है (Protocols of Transport Layer) ?

ट्रांसपोट लेयर द्वारा अपनी कार्यक्षमता को बढ़ाने के लिए उपयोग किए जाने वाले प्रोटोकॉल हैंः-

  • User Datagram Protocol
  • Transmission Control Protocol
  • Datagram Congestion Control Protocol

ट्रांसपोट लेयर के साथ डिजाइन के क्या मुद्दे है (Design issues with Transport Layer) ?

  • सेशन लेयर से डेटा स्वीकार करते हुए, इसे खंडों में विभाजित करें और नेटवर्क लेयर को भेजें ।
  • दक्षता के साथ डेटा का सही वितरस सुनिचिश्त करें ।
  • त्रुटि नियंत्रण और प्रवाह नियंत्रण का प्रबंधन ।
  • तकनीकी परिवर्तनों से ऊपरी लेयरों को अलग करें ।

ट्रांसपोर्ट लेयर और नेटवर्क लेयर में अंतर क्या है (Difference between Transport Layer and Network Layer) ?

निर्ष्कष – Conclusion

मुझे लगता है इस पोस्ट से आपने ट्रांसपोर्ट लेयर के बारे में काफी कुछ हिन्दी में सीखा होगा । अगर फिर भी Transport Layer को लेकर और कुछ जानकारी चाहिए तो आप हमें कमेंट करके पुछे ।

FAQ‘s

Q1 :

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Tazahindi Staff
Tazahindi Staffhttps://tazahindi.com
इस पोस्ट के लेखक सत्यजीत है, वह इस वेबसाइट का Founder भी हैं । उन्होंने Information Technology में स्नातक और Computer Application में मास्टर डिग्री प्राप्त की हैं ।

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